खास बातें
- बिना किसी पेशेवर की मदद के दो साल में बनाया, चीजों को सौ मीटर तक उठाने में सक्षम
- अंग्रेजी में संवाद करने के साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की पहचान भी कर सकता है रोबोट
- इंटरनेट की ली सहायता, रोबोट के बारे में रिसर्च की, बनाने में 1.3 लाख रुपये आई लागत
- रोबोट मौखिक आदेशों का जवाब दे सकता है, मोबाइल की मदद से कर सकते हैं कंट्रोल
मणिपुर के 21 साल के युवा इरोम रोशन ने ऐसे रोबोट का निर्माण किया है जो अंग्रेजी में संवाद करने, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की पहचान करने के साथ ही वस्तुओं को सौ मीटर तक उठाने में भी सक्षम है। आर्थिक परेशानियों के चलते रोशन अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी नहीं कर सके।
इंटरनेट की ली मदद, 1.3 लाख रुपये आई लागत
बिना किसी तकनीकी पेशेवर की सहायता लिए बिना इरोम को इसे बनाने में करीब दो साल का वक्त लगा। इसमें मदद की उनके लकड़हारे पिता और स्थानीय लोगों ने। इरोम ने बताया कि इस रोबोट को बनाने के लिए उन्होंने इंटरनेट की मदद ली। रोबोट के बारे में काफी शोध किया। इसे बनाने में 1.3 लाख रुपये खर्च हुए हैं।
रोबोट को मोबाइल से कर सकते हैं कंट्रोल
इंफाल पश्चिमी जिले के सागोलबैंड मोइरंग हानुबा निवासी नवोन्मेषक इरोम ने बताया कि यह रोबोट मौखिक आदेशों का जवाब दे सकता है और उसे मोबाइल फोन से नियंत्रित किया जा सकता है। रोशन ने रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह से मुलाकात की थी। इस दौरान उसने अपने रोबोट कार्यों पर प्रस्तुति दी, जिसकी उन्होंने सराहना की।
मुख्यमंत्री ने एक लाख रुपये की मदद देने का किए एलान
बिरेन ने ट्वीट कर कहा था कि खेल और संस्कृति के अलावा विज्ञान एवं तकनीक क्षेत्र में भी मणिपुर में कई प्रतिभाएं हैं। आईटीआई के छात्र इरोम ने एक रोबोट का निर्माण किया है जो कि संवाद भी कर सकता है। मुख्यमंत्री ने इस शोध को आगे बढ़ाने के लिए इरोम को एक लाख रुपये की वित्तीय मदद भी देने का एलान किया है।